5 Essential Elements For sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
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न कवचं नार्गला-स्तोत्रं, कीलकं न रहस्यकम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका click here स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः।।